वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अनिवार्य
जबलपुर और उज्जैन में बनने का प्रस्ताव, सीएम ने की थी घोषणा
भोपाल | 5 घंटे पहले
मध्यप्रदेश के जबलपुर और उज्जैन में प्रस्तावित जू और रेस्क्यू सेंटर अब तभी खोले जा सकेंगे जब सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिल जाएगी।
अनुमति की आवश्यकता क्यों?
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योजना के अनुसार ये सेंटर वन क्षेत्र में स्थापित किए जाने हैं।
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वन क्षेत्र में पक्का निर्माण सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता।
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अगर ये केंद्र राजस्व भूमि पर बनते हैं, तो अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
पृष्ठभूमि
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लगभग 6 महीने पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन केंद्रों की घोषणा की थी।
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वन विभाग की टीम ने गुजरात के जामनगर स्थित अंबानी ग्रुप के जू और रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया।
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मुख्यमंत्री ने भी इस केंद्र का दौरा किया था।
वर्तमान स्थिति
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उज्जैन:
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DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार।
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प्रस्ताव केंद्र सरकार के चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजा गया, जहाँ से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।
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सुप्रीम कोर्ट में अनुमति हेतु आवेदन की प्रक्रिया शुरू।
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जबलपुर:
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DPR तैयार होने की प्रक्रिया जारी।
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उज्जैन की तरह ही सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट की रोक
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कोर्ट ने वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के पक्के निर्माण पर रोक लगा रखी है।
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इसलिए बिना कोर्ट की अनुमति कोई भी निर्माण संभव नहीं।
